2003-04
Dr. Soumitra Sarkar
2008-09
Bengal Library Association
2011-12
Dr. E Rama Reddy
पुस्तकालय और सूचना विज्ञान पर विशेष पुस्तकालय सहित एक अनुसंधान प्रकोष्ठ और कम्प्यूटर ईकाई द्वारा समर्थित एक सांख्यिकी ईकाई के साथ एक अनुसंधान प्रकोष्ठ विभिन्न कार्यकलापों के बारे में सूचनाएँ देता है । पुस्तकालय में पुस्तकालय और सूचना विज्ञान तथा सहयोगी क्षेत्रों से संबंधित लगभग 5000 महत्वपूर्ण पुस्तकें और पत्रिकाएँ प्राप्त की गयी हैं । सार्वजनिक पुस्तकालय या सहयोगी विषयों पर अनुसंधान परियोजनाओं के अतिरिक्त, अनुसंधान प्रकोष्ठ यथावश्यक सलाह और परामर्श सेवाएँ भी प्रदान करता है । इसने भारत सरकार के लिए पुस्तकालयों में पुस्तकों के लोप पर एक रिपोर्ट तैयार और प्रकाशित की है
दिसंबर, 2010 से नवम्बर 2012
प्रोफेसर पी बी मंगला
जुलाई 2012 से जून 2013
डॉ पार्थ चटर्जी
इस योजना की शुरूआत संस्कृति मंत्रालय के अधीन विभिन्न संस्थानों और देश में उसी प्रकार के अन्य चिह्नित सांस्कृतिक सस्थानों को अनुप्राणित और पुनर्नवा करने के उद्देश्य से की गयी है। इसमें विद्वानों/शिक्षाविदों को इन संस्थानों से संबद्ध होकर साझा रूचि की परियोजनाओं पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है । संस्थानों में नयी ज्ञान-पूँजी के समावेशन के लिए, यह योजना उन विद्वानों / शिक्षाविदों से उम्मीद करती है कि वे इन संस्थानों के मूल लक्ष्यों से संबद्ध परियोजनाओं और अनुसंधान कार्यों को सम्पादित कर इन्हें सृजनात्मक रूप से प्रखर और शैक्षिक उत्कृष्टता के शिखर पर पहुँचाने का कार्य करेंगे । यह योजना देशी-विदेशी विद्वानों दोनों के लिए उपलब्ध है । विदेशियों का अनुपात इस प्रकार होगा कि किसी वर्ष में सामान्यत: कुल अध्येतावृत्तियों के एक – तिहाई से अधिक नहीं हो ।
योजना का उद्देश्य चिह्नित सांस्कृतिक संस्थानों को समर्थ बनाना है ताकि वे उत्कृष्ट गुण संपन्न विद्वानों को नियुक्त कर उनके द्वारा ऐसी परियोजनाओं पर काम कराएँ जिन पर अभी तक काम नहीं हुआ है । संस्थान और विद्वान मिलकर अनुसंधान के विषयों का चयन कर सकते हैं लेकिन अनुसंधान का विषय मात्र एक संस्थान से सीमाबद्ध/सीमित नहीं होना चाहिए । सुविधा, अनुवीक्षण, लेखा-हिसाब और उत्तरदायित्व के उद्देश्य से अनुच्छेद 3 में शामिल संस्थानों में से नोडल संस्थान का चयन किया जाएगा और अध्येता उस संस्थान से संबद्ध/ सूत्र धारक होगा ।
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